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कोरोना की चौथी लहर लाएगा स्टील्थ ओमिक्रॉन?

चीन में ओमिक्रॉन के स्टील्थ वैरिएंट ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कोरोना के BA.2 वैरिएंट को Stealth Omicron बताया जा रहा है। स्टील्थ नाम देने के पीछे एक प्रमुख कारण ये भी है कि ओमिक्रॉन का BA.2 वेरिएंट शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को चकमा देने में काफी हद तक सक्षम है। ओमिक्रॉन के BA.2 वैरिएंट के कारण चीन के 19 राज्यों में लॉकडाउन लग गया है।  जिलिन और शेनझेन समेत कई शहरों में कोरोना का कहर ज्यादा देखने को मिल रहा है। दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में कोरोना वायरस की इस नई लहर के लिए ‘स्टील्थ ओमिक्रॉन’ को जिम्मेदार बताया जा रहा है। ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर ये ‘स्टील्थ ओमिक्रॉन’ क्या नई मुसीबत है?

कितना घातक है ओमिक्रॉन का ‘स्टील्थ वेरिएंट’

स्टील्थ सब वैरिएंट इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसे डिटेक्ट करना मुश्किल है। यह ओमिक्रॉन वैरिएंट से काफी अलग है। यह ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स से मिलकर बना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह सब-वैरिएंट भी ओमिक्रॉन के ही जितना खतरनाक है। WHO ने कहा कि इस वैरिएंट पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है क्योंकि यह टेस्टिंग में कम मिलता है। इसके अलावा दुनिया भर में घटते केसों को लेकर भी संस्था ने कहा कि टेस्टिंग कम हुई है और इसके चलते भी मामले कम देखने को मिल रहे हैं।

भारत में अगले महीने चौथी वेव की आशंका

इम्यूनोलॉजिस्ट्स के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट की तरह स्टील्थ ओमिक्रॉन भी तेजी से फैलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डेल्टा की तरह ही स्टील्थ ओमिक्रॉन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में तेजी से बदलाव होता है। इसलिए इसके फैलने की क्षमता दूसरे वैरिएंट की तुलना में ज्यादा होती है। हांगकांग और चीन में लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद चौथी लहर आने की बातें हो रही हैं, लेकिन भारत में बड़ी आबादी को टीका लग चुका है। ऐसे में यहां अब किसी भी लहर का बड़ा असर देखने को नहीं मिलेगा। हां ये बात अलग है कि देश में स्टील्थ ओमिक्रॉन के मामले अप्रैल के अंत से जून तक सामने आते रहेंगे।

स्टील्थ ओमिक्रॉन से किसको ज्यादा खतरा है?

कोरोना का स्टील्थ ओमिक्रॉन वैरिएंट बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहना होगा। क्योंकि इम्यूनिटी वीक होने पर ये वैरिएंट तेजी से फैलता है। ज्यादा वजन वाले लोगों पर इस स्ट्रेन का लंबा असर दिखता है। इसलिए अपने वेट को कंट्रोल करें। जिन लोगों को पहली डोज ही लगी है, वो दूसरी लगवा लें। नैचुरल इम्यूनिटी भी स्टील्थ ओमिक्रॉन के असर को कम करने में कारगर है। इसके लिए अच्छा खाना, प्रॉपर सोना, 45 मिनट तक सूरज की रोशनी में बैठना और रोजाना एक्सरसाइज करने की आदत डालना जरूरी है।

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