रशियन बॉम्बर्स टुपोलेव पर हमले में ‘टुपोलेव’ का हाथ सामने आ रहा है। जी हां, इस हमले के पीछे यूक्रेन के Tu-141 स्ट्राइज़ (Strizh) के इस्तेमाल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। 5 दिसंबर की सुबह-सुबह यूक्रेन ने रूस के दो एयरबेस को ठिकाना बनाया और इसके लिए सोवियत मेड यूएवी (UAV) का इस्तेमाल किया। Dyagilevo यूएवी से रेयाजन रीजन में हमला किया, जो यूक्रेनी क्षेत्र से करीब 285 मील दूर है। इसी ड्रोन से सरातोव रीजन के इन्गेल्स एयरबेस पर भी हमले को अंजाम दिया गया। यूक्रेनी सेना का ये टारगेट उनकी जमीन से करीब 315 मील दूर बताया जा रहा है।
इन हमलों का एक ही मकसद था रूसी लॉन्ग रेंज बॉमबर्स की फ्लीट को तबाह कर दिया जाए। दोनों एयरबेस पर स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की फ्लीट तैनात थी, जो यूक्रेनी सेना के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम पर लगातार हमले तो कर ही रही थी साथ ही साथ यूक्रेन के एनर्जी ग्रिड स्ट्रक्चर को भी तबाह कर रही थी। लिहाजा ठंड में बिजली और पानी के लिए तरसते यूक्रेन के लिए इन बॉम्बर्स को निशाना बनाना मजबूरी हो गई थी।
रूसी अधिकारियों कहना है कि सरातोव के इन्गेल्स एयरबेस पर हुए हमले में दो विमानों को मामूली नुकसान हुआ, वहीं विमानों के मेंटनेंस कर रहे तीन कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने अबतक ये साफ नहीं किया है कि इस हमले में यूक्रेन ने किस UAV का इस्तेमाल किया, लेकिन उन्होंने हमलावर ड्रोन के बारे में बताते वक्त ‘सोवियत मेड’ शब्द का जरूर इस्तेमाल किया। इस वजह से टुपोलेव Tu-141 स्ट्राइज़ (स्विफ्ट) ड्रोन से हमले के कयास लगाए जाने लगे, जिसे यूक्रेन ने 2014 से अपनी सेना में शामिल करना शुरू कर दिया था।
टुपोलेव Tu-141 स्ट्राइज़
स्ट्राइज़ एक टोही ड्रोन है जिसे टेल-माउंटेड पैराशूट का उपयोग करके मिशन के पूरा होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मिसाइल जैसे आकार वाले इस ड्रोन में छोटे फॉरवर्ड-माउंटेड कैनार्ड्स, एक रियर-माउंटेड डेल्टा विंग और पूंछ के ऊपर एक KR-17A टर्बोजेट इंजन लगा होता है। लो अल्टीट्यूड पर इसकी क्रूज स्पीड एक हजार किलोमीटर प्रति घंटे की है।