PMLN-PPP मिलकर सरकार चलाएंगे
पाकिस्तान में सत्ता पाने के लिए सभी पार्टियों ने जोर लगाया हुआ है। PPP और PML-N ने साथ मिलकर सरकार चलाने पर सहमति जताई है। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, PPP चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार रात लाहौर में PNL-N चीफ शहबाज शरीफ से मुलाकात की। दोनों पार्टी देश में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं।
PTI ने गठबंधन बनाने पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली चुनाव किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं है। चुनाव के नतीजों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने अप्रत्याशित रूप से मजबूत प्रदर्शन किया है। इनमें ज्यादातर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक हैं। नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। PTI ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन बनाने पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई है। PTI के चेयरमैन गौहर खान, असद कैसर, अली मुहम्मद खान और अन्य लोग बैठक में भाग लेंगे। इसमें नई केंद्रीय और प्रांतीय सरकारों के गठन पर चर्चा होगी।
इमरान खान की पार्टी PTI ने कहा- “हमारी पार्टी के उम्मीदवार 8 फरवरी की रात को जीत की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन, सुबह होने पर हमारे कई उम्मीदवारों को हारा हुआ घोषित कर दिया गया। दर्जनों सीटों पर ऐसा हुआ। वोटों की गिनती में बड़े पैमाने पर धांधली के बावजूद हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमें 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। चुनाव में धांधली के सभी पैंतरे आजमाने के बाद भी हमें दबाया नहीं जा सका है।”
सरकार बनाने पर फंसा पेंच
नवाज शरीफ पहले ही जीत का दावा कर चुके हैं, लेकिन उनकी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटों से काफी पीछे है। उधर, बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी सरकार गठन से पहले मलाईदार विभागों को पाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है।
चुनाव के कारण कंगाली की राह पर PAK
पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट में है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण दो महीनों में 1 बिलियन डॉलर के बांड भुगतान के कारण उस पर और दबाव बढ़ेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ उसका 3 बिलियन डॉलर का वित्तपोषण कार्यक्रम 12 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इस बीच पाकिस्तान में खैबर पखतूनख्वा समेत कई प्रांतों में हिंसा फैल गई है।
राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण पाकिस्तान में आर्थिक सुधारों और महत्वपूर्ण विदेशी फंडिंग दोनों में देरी की संभावना ने अंतरराष्ट्रीय बांडों में बिकवाली को बढ़ा दिया है। ऐसे में विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के लिए आर्थिक संकट और ज्यादा गहराने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री को काटों भरा ताज पहनना होगा। इससे उनके सिर में काटें चुभेंगे तो जरूर, लेकिन वे चिल्ला नहीं पाएंगे। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि गठबंधन सरकार में कठोर आर्थिक सुधारों को लागू करना किसी भी प्रधानमंत्री के लिए आसान नहीं होगा।