समाजवादी पार्टी के गढ़ कही जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पिछले कुछ दिनों से बगावत की आहट सुनने को मिल रही है। दरअसल पार्टी ने चार दिन पहले अपना निर्णय बदलते हुए रंजीत यादव को जिलाध्यक्ष घोषित किया था। जिस पर डीपी समर्थकों ने धरना प्रदर्शन और बगावत की चेतावनी दी थी।
समाजवादी पार्टी में बीते दिनों युवजन सभा के जिलाध्यक्ष को लेकर संगठन के कार्यकर्ताओं में विरोध जताया था। पहले डीपी यादव को इस पद पर मनोनीत किया गया। तीन घंटे बाद अचानक उनके स्थान पर रंजीत यादव को अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया। इस निर्णय से कार्यकर्ताओं ने एतराज जताया और मंगलवार को सपा कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी दी, किंतु इससे पहले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कमान संभाल ली और डीपी, उनके समर्थकों को लखनऊ बुलाया। सभी की बात सुनी और युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरि को डीपी यादव को जिलाध्यक्ष बनाने के निर्देश दिए।
देर रात डीपी की फिर से ताजपोशी कर कर उन्होंने एकजुटता बनाए रखने का संदेश दिया। वहीं, डीपी यादव ने बताया कि जिस विश्वास के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसपर वह खरा उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अपनी टीम के साथ जुटेंगे।
डिंपल के खिलाफ इस बड़े नेता को BJP देगी टिकट?
बीजेपी हारी हुई सीटों के समीकरण बदलने के लिए यह प्लान तैयार कर रही है। इसी क्रम में पार्टी मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ योगी सरकार के मंत्री जयवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी की दूसरी लिस्ट में जयवीर सिंह के नाम का एलान हो सकता है।
क्या है मैनपुरी सीट का समीकरण
बता दें कि मैनपुरी सीट को ऐसे ही नहीं सपा का गढ़ कहा जाता है, इस सीट पर सपा का साल 1996 से कब्जा है। सबसे पहले इस सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सपा उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की थी, इनके बाद इस सीट पर बलराम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव भी जीत दर्ज कर चुके हैं, खुद मुलायम सिंह इस सीट से चार बार चुनाव जीते। मुलायम सिंह के निधन के बाद 2022 के उपचुनाव में डिंपल यादव ने इस सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।