बुलबुल हैं बेटियां पिंजरे में नहीं रहती, भरने दो उड़ान और जीने दो ज़िंदगी, Women’s Day पर महिलाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए पुणे के कुमार क्लासेज में नारी शक्ति का वंदन किया गया। इस बेहद खास मौके पर पुणे की जानी-मानी महिला हस्तियों ने शिरकत की। इसमें हर एक महिला अपने-अपने क्षेत्र की धुरंधर हैं।
08 मार्च को हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। ये दिन पूरे विश्व की महिलाओं को समर्पित होता है। ये दिन महिलाओं के योगदान, उनके त्याग और साहस को समर्पित है। गौरतलब है कि आज महिलाएं घर के बाहर भी हर क्षेत्र में अपनी कीर्ति स्थापित कर रही हैं। कला से लेकर खेल, बिजनेस, साइंस से लेकर टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में महिलाओं ने झंडे गाड़े हैं। उनके इसी योगदान और साहस को को सलाम किया कुमार क्लासेज के डायरेक्टर उदय कुमार यानी कि कुमार सर ने। कुमार सर ने महिलाओं को सम्मानित किया और देशभर की बेटियों को शुभकामनाएं दीं।
सम्मानित होने वाली महिलाओं में श्री चैतन्य स्कूल पुणे की डायरेक्टर श्वेता पांडेय भी रहीं। श्वेता पांडेय पुणे शहर की जानी मानी एडुकेटर हैं। इन्होंने गर्ल एजुकेशन से लेकर वुमन एंपावरमेंट के क्षेत्र में काफी काम किया है। मीडिया का भी इन्हें वर्षों का अनुभव है, यही वजह है कि ये नारी सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रमों में ना सिर्फ में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हैं बल्कि ऐसे आयोजनों की अगुवा बनती रही हैं। श्वेता पांडेय ने कहा कि शिक्षा से स्वावलंबन बढ़ता है और महिलाएं जब स्वावलंबी होंगी तो महिलाओं के हितों के लिए अच्छा काम कर सकेंगी और उनकी आवाज बन सकेंगी।
आज लगभग हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियां बढ़ती ही जा रही हैं। उनकी इन्हीं उपलब्धियों को और अधिक सशक्त बनानेऔर नारी का महत्व सेलिब्रेट करने के लिए 8 मार्च को कुमार क्लासेज के परिसर में पुणे के ससून हॉस्पिटल की डॉक्टर सोनाली मिश्रा भी उपलब्ध रहीं। सोनाली मिश्रा ने बतौर महिला जीवन के अपने संघर्षों से लेकर उपलब्धियों की चर्चा की तो साथ ही आज की तारीख में महिलाएं चुनौतियों से कैसे पार पाएं उस पर भी प्रकाश डाला। बेटियों को संदेश दिया कि ना सिर्फ वो घर संभाल सकती हैं बल्कि बाहर भी दुनिया की हर जिम्मेदारी को बखूबी संभाल सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के खास मौके पर कुमार क्लासेज जैसे गुरुकूल में जीवन को प्रेरणा देने वाली महिलाओं ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। ये महिलाएं कामकाजी होकर भी अपने परिवार के सभी सदस्यों की छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखती हैं, लेकिन समाज में कुछ महिलाएं उत्पीड़न से लेकर घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की शिकार भी होती हैं।
ऐसी ही महिलाओं के आत्मसम्मान से लेकर उनकी सुरक्षा के कानूनी पहलू पर प्रकाश डाला पुणे की बेटी और अधिवक्ता रूपाली मिश्रा ने। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता के माध्यम से सशक्त बनाना जरूरी है।
भारतीय संविधान में कहने के लिए तो महिलाओं को पुरूषों के बराबरदर्जा प्राप्त है लेकिन वास्तविकता आज भी देखी जा सकती है कि विवाह, तलाक, काम, सम्पत्ति में अधिकार, गुजारा भत्ता आदि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां बराबरी के नाम पर महिलाओं के साथ भद्दा मजाक न किया गया है। इसलिए महिलाओं के अधिकारों पर क्राइम ब्रांच एंड ह्यूमन राइट्स कमीशन, पुणे की डायरेक्टर अनीता वर्मा ने भी प्रकाश डाला।
अनीता वर्मा ने महिलाओं को किसी भी प्रकार के भेदभाव का पुरजोर विरोध करना चाहिए। कानून में उनके लिए पर्याप्त अधिकारों की व्याख्या है। महिलाओं के अधिकार के विषय मे कुछ हक अखंडता और स्वायत्तता शारीरिक करने की आजादी, यौन हिंसा से मुक्ति, मत देने की आजादी, सार्वजनिक पद धारण करने की आजादी, कानूनी कारोबार में प्रवेश करने की आजादी, पारिवारिक कानून में बराबर हक, काम करने की आजादी और समान वेतन की प्राप्ति, प्रजनन अधिकारों की स्वतंत्रता से लेकर शिक्षा प्राप्ति का अधिकारी है।
इस खास मौके पर पुणे के एजुकेशन सेक्टर की हस्तियों ने शिक्षा की अहमियत समझाई। PVPIT कॉलेज पुणे की प्रोफेसर रश्मि मैडम, अनीता मैडम से लेकर कुमार क्लासेज की एडुकेटर प्रियंका विश्वकर्मा, सीमा वशिवाले और प्रणाली थोराट ने कहा कि आगे बढ़ना है तो शिक्षा ही एक रास्ता है। सबने एक सुर में कहा कि शिक्षा से ही स्वावलंबी होकर महिलाएं लक्ष्य की ओर अपनी राह प्रशस्त कर सकती हैं। तमाम लड़कियों को सुरक्षित माहौल न मिलने के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। लड़कियों को सुरक्षित माहौल देना होगा। जिससे वह भयमुक्त होकर आगे बढ़ें।
ये शिक्षा ही है जिसके दम पर आज महिलाएं हर क्षेत्र में डंका बजा रही हैं, लेकिन राजनैतिक भागीदारी के मामले में उनकी संख्या काफी कम है। महिलाओं के लिए शिक्षा और सुरक्षा के साथ रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने की भी जरूरत है। इन्हीं मुद्दों पर प्रकाश डाला पुस्तक प्रेमी संस्था की फाउंडर मनीषा जाधव ने। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अलग-अलग क्षेत्रों के साथ ही राजनीति में भी महिलाओं को बढ़चढ़ कर आगे आना होगा तभी वे आधी आबादी की समस्याओं का हल निकाल सकेंगी।
पुणे की जानी मानी सिंगर अपर्णा लिमये ने भी कहा कि आज महिलाओं के लिए सबसे अहम मुद्दे शिक्षा और सुरक्षा हैं। शिक्षा से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा तो सुरक्षा मिलनेपर वेआगे बढ़ सकेंगी। ये दोनों प्रमुख मुद्दे हैं। महिलाएं जब घर चला सकती हैं तो देश भी चला सकती हैं। महिलाओं को जागरूक और आत्मनिर्भर बनानेकी जरूरत हैऔर ये काम केवल शिक्षा को बढ़ावा देकर ही हो सकता है।
कुमार सर ने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपना दमखम दिखाया है। समय के साथ समाज ने भी महिलाओं के प्रति अपनी सोच को बदला है, उनकी प्रतिभा को सराहा है। चाहे अंतरिक्ष में यात्रा करना हो या एवरेस्ट को फतेह करना, महिलाओं ने अपने हुनर का परचम हर तरफ लहराया है। मगर इन सब के बावजूद अब भी कई महिलाएं अपने अस्तित्व के लिये लड़ रही हैं। ऐसी ही महिलाओं को सशक्त बनाना है और ये तभी संभव होगा जब महिलाएं शिक्षित होंगी, जागरुक होंगी, अपने अधिकारों को जानेंगी। कुमार सर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इस आयोजन का उद्देश्य भी यही है कि महिलाओं को समाज में समान अधिकार मिले और शिक्षा तक उनकी ज्यादा से ज्यादा पहुंच बढ़े।