दुनियाभर में मेडिकल सेवाओं के लिए लाल रंग के प्लस साइन का यूज किया जाता है। ये चिन्ह हमेशा अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, एम्बुलेंस, मेडिसिन शॉप आदि पर पाया जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि आखिर मेडिकल फील्ड में इस चिह्न का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? अगर नहीं, तो इस आर्टिकल के जरिए हम इस बारे में जानेंगे।
प्लस नहीं ये मार्क क्रॉस होता है
हम जिस मार्क को प्लस के रूप में देखते हैं, वो असल में रेड क्रॉस सोसाइटी (Red Cross Society) से लिया गया है, जो कि हर अस्पताल, एंबुलेंस और क्लीनिक पर इस्तेमाल किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि रेड क्रॉस खतरे के लिए होता है। ऐसे में मेडिकल सुविधाओं में इस तरह का चिह्न क्यों इस्तेमाल किया गया?
हेल्थ केयर मार्क होता है रेड क्रॉस
रेड क्रॉस एक हेल्थ केयर मार्क होता है, जो कि मेडिकल सेवाओं में वालंटियरी के लिए रेड क्रास सोसायटी की ओर से प्रयोग किया गया था। इसकी स्थापना साल 1863 में हेनरी डुनंट ने की थी। दरअसल, कहीं भी रेेडक्रॉस का चिन्ह देखकर लोग ये तो समझ जाते हैं कि चिकित्सा संबंधी मामला है, लेकिन इस चिन्ह का ही प्रयोग क्यों होता है, इसके बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे।
क्यों इस्तेमाल किया गया लाल रंग का चिह्न?
ये बात हम सभी जानते हैं कि लाल रंग का मतलब खतरे का होता है। ऐसे में खतरे का निशान लाल रंग का होता है। उस समय लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए इस रंग का इस्तेमाल किया गया, जो कि ऊंचाई पर लगा होने का कारण दूर से ही दिखा जाता था। ऐसे में क्रॉस चिह्न को प्लस चिह्न का रूप देकर इस्तेमाल किया गया। हालांकि, इस्लामिक देशों में इस चिह्न को बदल दिया गया था।
चिकित्सा के क्षेत्र में रेडक्रॉस (लाल रंग का प्लस) इसलिए प्रयोग में लाया जाता है,ताकि इमरजेंसी समय में इससे जल्दी पहचान लिया जाए।